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English to Hindi: 9th ProZ.com Translation Contest - Entry #10232
Source text - English I remember reading once that some fellows use language to conceal thought, but it's been my experience that a good many more use it instead of thought.
A businessman's conversation should be regulated by fewer and simpler rules than any other function of the human animal. They are:
Have something to say.
Say it.
Stop talking.
Beginning before you know what you want to say and keeping on after you have said it lands a merchant in a lawsuit or the poorhouse, and the first is a short cut to the second. I maintain a legal department here, and it costs a lot of money, but it's to keep me from going to law.
It's all right when you are calling on a girl or talking with friends after dinner to run a conversation like a Sunday-school excursion, with stops to pick flowers; but in the office your sentences should be the shortest distance possible between periods. Cut out the introduction and the peroration, and stop before you get to secondly. You've got to preach short sermons to catch sinners; and deacons won't believe they need long ones themselves. Give fools the first and women the last word. The meat's always in the middle of the sandwich. Of course, a light butter on either side of it doesn't do any harm if it's intended for a man who likes butter.
Remember, too, that it's easier to look wise than to talk wisdom. Say less than the other fellow and listen more than you talk; for when a man's listening he isn't telling on himself and he's flattering the fellow who is. Give most men a good listener and most women enough note-paper and they'll tell all they know. Money talks -- but not unless its owner has a loose tongue, and then its remarks are always offensive. Poverty talks, too, but nobody wants to hear what it has to say.
Translation - Hindi मुझे याद आता है, मैंने कहीं पढ़ा था कि कुछ लोग सोच-विचार पर पर्दा डालने के लिए भाषा का इस्तेमाल करते हैं, लेकिन मेरा अनुभव रहा है कि बड़ी संख्या में दूसरे लोग इसका इस्तेमाल सोच-विचार के स्थान पर करते हैं.
एक कारोबारी की बातचीत, इस मानव रूपी जीव के किसी भी अन्य कार्य की तुलना में कम और सरल नियमों से विनियमित होनी चाहिए. ये नियम हैं:
कहने के लिए आपके पास कोई सार्थक बात होनी चाहिए.
उसे कह दें.
फिर चुप हो जाएं.
आप क्या कहना चाहते हैं, यह मालूम होने से पहले ही बोलना शुरू करना और फिर उसे कह देने के बाद भी बोलते जाना, एक व्यापारी को मुकदमेबाजी अथवा कंगाली में धकेल देता है, और कंगाली की ओर बढ़ने का सरल मार्ग है मुकदमबाजी में फंसना. मैंने यहां एक पूरा कानूनी विभाग रखा हुआ है, और इस पर बहुत खर्च आता है, लेकिन यह मुझे कानूनी कार्यवाहियों से दूर रखने के लिए ही है.
रविवार की स्कूल-पिकनिक पर जाने जैसा वार्तालाप तब तो ठीक है जब आप किसी लड़की से मुलाकात कर रहे हों या दोस्तों के साथ रात के खाने के बाद बात कर रहे हों, जब फूलों के चुनाव के लिए ही विराम लेना पड़े; लेकिन कार्यालय में आपके वाक्य छोटे से छोटे और सधे हुए होने चाहिए. लंबी भूमिका और भाषण को हटा दें, और दूसरी बात आरंभ करने से पहले रुकें. पापकर्मियों को पहचानने के लिए संक्षिप्त प्रवचनों की आवश्यकता होती है; और गिरिजाघर के अधिकारी भी नहीं मानेंगे कि खुद उन्हें लंबे प्रवचनों की आवश्यकता है. मूर्खों को सबसे पहले और महिलाओं को सबसे अंत में मौका दें. बातचीत का सार तो बीच के हिस्से में ही होता है. निस्संदेह, दोनों ओर थोड़ी जायकेदार बातें करने से कोई नुकसान नहीं होगा, लेकिन तभी जब वह ऐसे व्यक्ति को कही जाए, जिसे वह पसंद हो.
और, यह भी याद रखें कि बुद्धिमतापूर्ण बातें करने से आसान है बुद्धिमान दिखाई देना. सामने वाले की तुलना में कम बोलें, और जितना आप बोलें उससे ज्यादा सुनें; क्योंकि जब कोई व्यक्ति सुन रहा होता है तो वह मेहनत नहीं कर रहा होता और मेहनत कर रहे व्यक्ति को प्रसन्न कर रहा होता है. अधिकांश पुरुषों को एक अच्छा श्रोता और अधिकांश महिलाओं को लिखने के लिए खूब सारा कागज देकर देखें, आप पाएंगे कि वे वह सब कुछ व्यक्त कर देंगे जो वे जानते हैं. पैसा बोलता है-- लेकिन तब तक नहीं जब तक उसके मालिक की जुबान बेकाबू न हो, और फिर इसकी बातें हमेशा आक्रामक होती हैं. बोलती तो गरीबी भी है, लेकिन उसके पास बोलने के लिए जो होता है, उस पर कोई भी कान नहीं देना चाहता.
English to Hindi: 7th ProZ.com Translation Contest - Entry #5924
Source text - English Winters used to be cold in England. We, my parents especially, spent them watching the wrestling. The wrestling they watched on their black-and-white television sets on Saturday afternoons represented a brief intrusion of life and colour in their otherwise monochrome lives. Their work overalls were faded, the sofa cover—unchanged for years—was faded, their memories of the people they had been before coming to England were fading too. My parents, their whole generation, treadmilled away the best years of their lives toiling in factories for shoddy paypackets. A life of drudgery, of deformed spines, of chronic arthritis, of severed hands. They bit their lips and put up with the pain. They had no option but to. In their minds they tried to switch off—to ignore the slights of co-workers, not to bridle against the glib cackling of foremen, and, in the case of Indian women, not to fret when they were slapped about by their husbands. Put up with the pain, they told themselves, deal with the pain—the shooting pains up the arms, the corroded hip joints, the back seizures from leaning over sewing machines for too many years, the callused knuckles from handwashing clothes, the rheumy knees from scrubbing the kitchen floor with their husbands' used underpants.
When my parents sat down to watch the wrestling on Saturday afternoons, milky cardamon tea in hand, they wanted to be entertained, they wanted a laugh. But they also wanted the good guy, just for once, to triumph over the bad guy. They wanted the swaggering, braying bully to get his come-uppance. They prayed for the nice guy, lying there on the canvas, trapped in a double-finger interlock or clutching his kidneys in agony, not to submit. If only he could hold out just a bit longer, bear the pain, last the course. If only he did these things, chances were, wrestling being what it was, that he would triumph. It was only a qualified victory, however. You'd see the winner, exhausted, barely able to wave to the crowd. The triumph was mainly one of survival.
Translation - Hindi इंग्लैंड में सर्दियां बहुत कड़ाके की होती थीं। हम लोग, खासकर मेरे माता-पिता, कुश्ती देखकर समय बिताते। शनिवार अपराह्न में वे अपने ब्लैक एंड व्हाइट टेलीविजन पर जो कुश्तियां देखते, उससे मानो उनके अन्यथा एकरस जीवन में थोड़ी देर के लिए रस आ जाता। उनके काम पर पहनने की पोशाकों का रंग उतरा होता। सोफा कवर भी, जिन्हें वर्षों से बदला नहीं गया था, उतरे हुए रंग के होते, और इसी तरह इंग्लैंड आने से पहले वे जिस समाज में रहे थे उसके बारे में भी उनकी स्मृति धुंधली पड़ती जा रही थी। मेरे माता-पिता और उनकी पूरी पीढ़ी ने अपने जीवन के सबसे उपयोगी वर्ष तुच्छ वेतन पर फैक्टरियों में एक ही काम पर कड़ी मेहनत करते हुए खर्च कर दिए। एक ऐसे जीवन में, जिसमें थे नीरस व थकाऊ काम, मुड़ी हुई रीढ़ें, लंबे समय चलने वाली जोड़ों के दर्द की बीमारी और कटे हाथ। वे अपने होठ काटकर दर्द को भीतर जज़्ब कर लेते। उनके पास ऐसा करने के सिवाए कोई चारा भी न था। मन ही मन वे इन सबसे मुंह मोड़ने की कोशिश करते - सहकर्मियों द्वारा अनादर पर ध्यान न देने की, फोरमैन की निरंतर कुड़कुड़ पर गुस्सा न दिखाने, और, इंडियन महिलाओं के मामले में, जब उनके पति उन्हें थप्पड़ मारते तो विक्षुप्त न होने की। वे अपने आप को समझाते, दर्द को भीतर समा लो, दर्द से निपटना सीखो - बांहों में चढ़ता दर्द हो या नितंबों के घिसे जोड़ों का दर्द। वर्षों तक सिलाई मशीनों पर झुके रहने के कारण पड़ने वाले पीठदर्द के दौरे हों, चाहे निरंतर हाथ से कपड़े धोने के कारण पत्थर बन चुकी उंगलियों की गांठों में उठने वाला दर्द, या फिर अपने पतियों की पुरानी अंडरपैंट से रसोई के फर्स घिस-घिस कर गठियाग्रस्त हो चुके घुटनों का दर्द हो।
जब मेरे माता-पिता शनिवार अपराह्न को हाथ में दूध और इलायची वाली चाय लेकर कुश्ती देखने बैठते, तो उन्हें मनोरंजन की चाहत होती। वे थोड़ा हंसना चाहते। लेकिन उनकी यह भी इच्छा होती कि नेक व्यक्ति, बस एक बार ही सही, गंदे व्यक्ति पर जीत दर्ज कर ले। वे चाहते कि उस अकड़कर चलते, चिंघाड़ते दबंग व्यक्ति की किस्मत धोखा दे जाए और उसे उसका ज़ायज़ दंड मिल जाए। वे तब नेक व्यक्ति द्वारा हार न मान लेने के लिए प्रार्थना करते, जब वह किरमिच पर पड़ा होता, आपस में हाथों की उंगलियां गुंथी स्थिति में फंसा होता या पीड़ा में अपने गुर्दे भींच रहा होता। वे प्रार्थना करते कि काश! यह व्यक्ति थोड़ी देर और टिक जाता, दर्द को सहन कर लेता और किसी तरह यह दौर निकाल लेता। यदि वह इतना कर लेता, तो इस बात के बावजूद कि कुश्ती तो कुश्ती है, उसकी जीत की आशा बंध जाती। लेकिन, यह जीत कोई जीत न होती। जीतने वाला पूरी तरह थका हुआ दिखाई देता और मुश्किल से दर्शकों का अभिवादन करने के लिए हाथ हिलाने की हालत में होता। जीत का मतलब तो मुख्यतः जिंदा बच जाना होता।
English to Hindi: 6th ProZ.com Translation Contest - Entry #4174
Source text - English Eroticism has this in common with an addictive drug: that there is a coercive element to its pleasure with which part of us is in complicity, and part not. Thus ever since time began men have been trying to enjoy eroticism without being destroyed by it. Societies, religions can be defined in the way they deal with this conundrum. Polygamy, monogamy with repression, monogamy with affairs, monogamy with prostitutes, serial monogamy. Not to mention individual solutions of great ingenuity, or desperation: Victor Hugo with the door knocked through the wall of his office, to let in a girl each afternoon. Auden's flair for finding call-boys in every town. Picasso who simply refused when wife and mistress demanded he choose between them. Then there is always the hair-shirt of course. But perhaps the thing to remember when you wake up with a life full of fresh paint and tortuous complications is that eroticism wasn't invented for you, nor merely for the survival of the species perhaps, but for a divinity's entertainment. Nothing generates so many opportunities for titillation and schadenfreude as eroticism. Which is why it lies at the centre of so much narrative. How the gods thronged the balconies of heaven to see the consequences of Helen's betrayal! And your friends are watching too. Your antics have put the shine on many a late-night conversation.
On the borders between mythology and history, that wily survivor Odysseus was the first who learnt to trick the gods. And perhaps his smartest trick of all was that of lashing himself to the mast before the Sirens came in earshot. There are those of course who are happy to stand at the railings, even scan the horizon. Otherwise, choose your mast, find the ropes that suit you: sport, workaholism, celibacy with prayerbook and bell... But the kindest and toughest ropes of all are probably to be found in some suburban semi-detached with rowdy children and a woman who never allows the dust to settle for too long.
Translation - Hindi कामुकता और नशीली दवाओं में एक समानता हैः दोनों में ही विलास के लिए बाध्य करने वाला तत्व मौजूद होता है। इस तत्व के साथ मिलकर अपराध करने को हमारा एक मन तो हामी भरता है, एक मन नहीं। इस प्रकार, अनादि काल से ही लोग दोनों हाथों में लड्डू रखने की कोशिश करते रहे हैं और उनका पूरा प्रयास रहा है कि कामुकता के आनंद में डुबकी तो लगा ली जाए, लेकिन इससे होने वाली बरबादी से बचकर। यहां तक कि विभिन्न समाजों, धर्मों का चित्रण इस आधार पर किया जा सकता है कि इस पहेली से निपटने के लिए उन्होंने किस तरह की व्यवस्था या आचरण को अपनाया है। बहुविवाह प्रथा, दमनयुक्त एकविवाह प्रथा, गुप्त प्रेम-संबंधों के साथ एकविवाह प्रथा, एकविवाह प्रथा लेकिन वेश्यावृत्ति के चलते, या फिर एकविवाह प्रथा लेकिन एक के बाद एक कई विवाह करना। और, व्यक्तिगत स्तर पर इस दुधारी तलवार को संचालित करने में लाज़वाब़ निपुणता, या फिर दुस्साहसी कारनामों का तो कहना ही क्याः विक्टर ह्यूगो, जिसने अपने ऑफिस की दीवार तुड़वाकर उसी में एक दरवाजा बनवा लिया था, ताकि हर रोज अपरान्ह में एक बाला को अंदर बुलाया जा सके। या फिर, धंधा करने वाले लड़के ढूंढने में ऑडन की सहज प्रवृत्ति, शहर चाहे जो भी हो। और पिकासो - ये महाशय तो तब साफ मुकर जाते थे, जब उनकी पत्नी और प्रेमिका उनसे कहतीं कि वे किसी एक को चुन लें। और, निःसंदेह हेअर-शर्ट तो हमेशा है ही। लेकिन, जब आप खुद को इस रंगीली और चक्करदार व पेचीदगियों भरी जिंदगी के आनंद में सराबोर पाएं, तो शायद आपको सचेत हो जाना चाहिए और याद करना चाहिए कि कामुकता की रचना आपके लिए नहीं की गई थी, और न ही मात्र जाति-वंश को आगे बढ़ाने के लिए। इसके सृजन का असली उद्देश्य तो शायद देवताओं का मनोरंजन करना था। गुदगुदाहट और दूसरों की बरबादी से मिलने वाले सुख के ढेर सारे अवसर पैदा करने में कामुकता का कोई सानी नहीं। और, यही कारण है कि इतने सारे किस्से-वृतांतों का ताना-बाना कामुकता के इर्द-गिर्द बुना जाता है। याद करें, कैसे हेलन की बेवफ़ाई का अंजाम देखने देवताओं की भीड़ उमड़ पड़ी थी और स्वर्ग के छज्जों में तिल रखने की भी जगह न बची थी!! और, आपके मित्र भी तो नज़र रखे हुए हैं। आपकी हरकतों से कइयों को बढ़िया मसाला मिल गया है, देर रात की गपें नमक-मिर्च लगाकर पेश करने के लिए।
इतिहास और पौराणिक कथाओं की सीमा पर, बच निकलने वाला चालाक ओडिसस पहला व्यक्ति था जिसने देवताओं को चकमा देना सीख लिया था। शायद उसकी सबसे चालाकी भरी तरकीब वह थी, जिसमें उसने जलपरियों की मदमत्त कर देने वाली आवाज कानों में पड़ने से पहले ही खुद को मस्तूल से बंधवा लिया था। निःसंदेह ऐसे लोग हैं, जो मर्यादा में रहकर ही संतुष्ट हैं, यहां तक कि दूर गंतव्य की ओर नज़रें गड़ाये रखकर भी। यदि ऐसा नहीं कर सकते, तो आप भी खुद को जकड़े रखने के लिए अपना मस्तूल चुन लें। अपने लिए कोई ऐसा बंधन ढूंढें जो आप पर ठीक बैठता हो। वह कुछ भी हो सकता है, जैसे खेलकूद, अत्यधिक काम का नशा, पूजा की पुस्तक और घंटी लेकर ब्रह्मचर्य का पालन... लेकिन सबसे सुंदर व सबसे मुश्किल बंधन तो शायद आपको किसी उप-नगरीय परंपरागत घर में मिलेगा, जिसमें होंगे हुल्लड़बाज बच्चे और एक महिला, जो कभी भी ज्यादा देर तक चैन से नहीं बैठती।
English to Hindi: 1st Annual ProZ.com Translation Contest - Entry #8038
Source text - English Heathrow Airport is one of the few places in England you can be sure of seeing a gun. These guns are carried by policemen in short-sleeved shirts and black flak-jackets, alert for terrorists about to blow up Tie-Rack. They are unlikely to confront me directly, but if they do I shall tell them the truth. I shall state my business. I’m planning to stop at Heathrow Airport until I see someone I know. (...)
Astonishingly, I wait for thirty-nine minutes and don’t see one person I know. Not one, and no-one knows me. I’m as anonymous as the drivers with their universal name-cards (some surnames I know), except the drivers are better dressed. Since the kids, whatever I wear looks like pyjamas. Coats, shirts, T-shirts, jeans, suits; like slept-in pyjamas. (...)
I hear myself thinking about all the people I know who have let me down by not leaving early on a Tuesday morning for glamorous European destinations. My former colleagues from the insurance office must still be stuck at their desks, like I always said they would be, when I was stuck there too, wasting my time and unable to settle while Ally moved steadily onward, getting her PhD and her first research fellowship at Reading University, her first promotion.
Our more recent grown-up friends, who have serious jobs and who therefore I half expect to be seeing any moment now, tell me that home-making is a perfectly decent occupation for a man, courageous even, yes, manly to stay at home with the kids. These friends of ours are primarily Ally’s friends. I don’t seem to know anyone anymore, and away from the children and the overhead planes, hearing myself think, I hear the thoughts of a whinger. This is not what I had been hoping to hear.
I start crying, not grimacing or sobbing, just big silent tears rolling down my cheeks. I don’t want anyone I know to see me crying, because I’m not the kind of person who cracks up at Heathrow airport some nothing Tuesday morning. I manage our house impeccably, like a business. It’s a serious job. I have spreadsheets to monitor the hoover-bag situation and colour-coded print-outs about the ethical consequences of nappies. I am not myself this morning. I don’t know who I am.
Translation - Hindi हीथ्रो हवाई अड्डा इंग्लैंड की उन गिनी चुनी जगहों में से एक है, जहां आपको बंदूक निश्चित तौर पर दिखाई दे जाएगी। ये बंदूकें आपको दिखाई देंगी, छोटी बाजू की कमीजें और काली बुलेट-प्रूफ जैकेटें पहने पुलिसकर्मियों के पास, जो टाई-रैक के स्टोरों को उड़ाने के लिए तैयार बैठे आतंकवादियों के लिए चौकस रहते हैं। मुझसे इनका सीधा सामना होने की उम्मीद तो नहीं है, लेकिन यदि ऐसा हो ही जाता है तो मैं उन्हें सच्चाई से अवगत करा दूंगा। उन्हें मैं अपना उद्देश्य समझा दूंगा। बता दूंगा कि मेरी योजना तब तक हीथ्रो हवाई अड्डे पर रुकने की है जब तक मुझे कोई परिचित व्यक्ति नहीं मिल जाता।
घोर आश्चर्य, कि उनतालीस मिनट तक इंतजार करने के बाद भी मुझे कोई परिचित व्यक्ति दिखाई नहीं दिया। एक भी नहीं, और यहां मौजूद लोगों में से मुझे कोई नहीं जानता। मैं उतना ही गुमनाम हूं जितने कि सार्वभौमिक नाम-पत्रों वाले यहां के ड्राइवर(कुछ उपनामों के बारे में तो मैं जानता हूं)। फर्क बस इतना है कि ड्राइवरों ने मुझसे अच्छे कपड़े पहन रखे हैं। जब से घर में बच्चों की किलकारियां गूंजी हैं, जो भी पहनता हूं पायजामा दिखाई देता है। कोट, कमीजें, टी-शर्ट, जीन्स, सूट; सभी ऐसे दिखाई देते हैं मानो उनमें सोकर अभी उठा।
मैं अपने उन सभी जानने वालों के बारे में सोचने लगता हूं, जो सुबह जल्दी मोहक यूरोपीय गंतव्यों के लिए नहीं निकले और इस तरह जिन्होंने मेरा कद घटाया है। बीमा कार्यालय के मेरे पूर्व साथी जरूर अभी भी अपनी मेजों से चिपके होंगे, जैसा कि मैं तब हमेशा कहा करता था कि वे ऐसे ही रहेंगे, जब मैं भी वहां फंसकर अपना समय बरबाद कर रहा था और अपने मुकाम पर नहीं पहुंच पा रहा था, जबकि ऐली ने निरंतर प्रगति की, अपनी पी एच डी और पहली रिसर्च फेलोशिप ली तथा पहली पदोन्नति भी हासिल कर ली।
हमारे हाल ही में परिपक्व हुए मित्र, जिनके पास वास्तविक काम हैं और जिनके किसी भी क्षण दिखाई देने की मैं बेकार ही उम्मीद कर रहा हूं, मुझसे कहते हैं कि घर संभालना पुरुषों के लिए एकदम शालीन पेशा है, यहां तक कि हिम्मत भरा भी, यह कि निश्चित रूप से, घर पर बच्चों के साथ रहना एक मरदाना काम है। वैसे हमारे ये मित्र मुख्यत: ऐली के ही मित्र हैं। ऐसा लगता है कि मैं अब किसी को नहीं जानता, और बच्चों एवं सिर के ऊपर मंडराते जहाजों से दूर, खुद को सोचता पाकर, मैं एक शिकायतकर्ता की कुड़कुड़ महसूस रहा हूं। मैं इसे सुनने की उम्मीद तो नहीं कर रहा था।
मैं रोने लगता हूं, बिना मुंह का रूप बिगाड़े या सिसके हुए। बस, बड़े-बड़े आंसू चुपचाप मेरे गालों पर से ढुलक रहे हैं। मैं नहीं चाहता कि कोई जान-पहचान वाला मुझे रोता हुआ देखे। आखिर, मैं उन लोगों में तो नहीं हूं जो एक बकवास सी मंगल की सुबह हीथ्रो हवाई अड्डे पर भावनाओं के साथ फट पड़ें। मैं अपने घर के मामलों को एक व्यवसाय की भांति लेता हूं और उन्हें बहुत ही दोषरहित तरीके से संभालता हूं। यह कोई हल्का-फुल्का काम नहीं है। मैं सफाई के हूवर-बैग और बच्चों के नैपीज़ की भी बारीक से बारीक जानकारी को ध्यान में रखता हूं। आज की सुबह मैं अपने आप में नहीं हूं। मुझे यह भी नहीं मालूम कि मैं कौन हूं।
English to Hindi: Survey questionnaire Detailed field: Surveying
Source text - English I’d like to know your impression of certain brands of loose tea. Even if you’ve never tried some of these brands you may have formed some impression of them based on what you may have seen or heard about them. For each statement I read, I’d like to know where you think the brand fits on a scale from 10 to 1. 10 is the best score and means the brand fits extremely well with the statement and one is the worst score and means the brand does not fit at all with the statement. Of course, you can pick any number in between
What number from 10 to 1 would you give (BRAND) – ROTATE BRANDS FROM RESPONDENT TO RESPONDENT – for…(READ FIRST STATEMENT. ROTATE ORDER FROM RESPONDENT TO RESPONDENT) CONTINUE UNTIL ALL STATEMENTS HAVE BEEN RECORDED FOR ALL BRANDS.
Translation - Hindi मैं जानना चाहूंगा(गी) कि खुली चाय के कुछ ब्रान्डों के बारे में आप क्या सोचते(ती) हैं। भले ही आप ने इनमें से कुछ ब्रान्डों को कभी आजमाया न हो, फिर भी हो सकता है कि आप ने जो देखा या सुना हो, उस आधार पर इनकी कोई छवि बना ली हो। प्रत्येक कथन में, जिसे मैं पढ़ूंगा(गी), मैं जानना चाहूंगा(गी) कि आपके विचार में वह ब्रान्ड 10 से 1 तक के पैमाने पर कहां बैठता है। 10 का स्कोर सबसे अच्छा स्कोर होगा और इसका अर्थ है कि ब्रान्ड पर कथन बहुत ही सही बैठता है, और 1 का स्कोर सबसे खराब स्कोर है, जिसका इसका अर्थ होगा कि ब्रान्ड पर कथन बिलकुल भी सही नहीं बैठता। निस्संदेह, आप इनके बीच का भी कोई स्कोर चुन सकते हैं।
आप इसे (ब्रान्ड) 10 से 1 तक कौन सा नंबर देंगे - विभिन्न उत्तर देने वालों में ब्रान्डों को बारी-बारी बदलें - इस कथन के लिए---- (प्रथम कथन को पढ़ें। क्रम को विभिन्न उत्तर देने वालों में बारी-बारी बदलें) तब तक जारी रखें जब तक सभी ब्रान्डों के लिए सभी कथन दर्ज नहीं कर लिए जाते।
English to Hindi: ENTRY_1447
Source text - English When my wife told me she was pregnant, I got that stomach-churning sensation that hits you on a plunging roller coaster. I was excited, yes, but... oh my God. Parenting was for, well, parents.
So here I stand, bug-eyed and sweating buckets like some poorly-drawn cartoon character, the question marks floating in the air around my head while I try to prepare myself for the complete care and responsibility of another living being besides my cat. I'm responsible for making sure this little human doesn't grow up and turn into a complete monster. If the child turns out a social moron-- my fault. If the babe can't find Luxembourg on the map, blame me for not providing a better education. They'll need therapy, and of course that will be on my head too. So many opportunities for wrong turns!
I remember the day my father sat me down and awkwardly told me about the birds and the bees; it was perhaps the most excruciating and embarrassing half hour of both our lives. I can't do that to another human being.
Maybe I'm getting a little ahead of myself here. I can do this, I say; I'll be a great father. My child will be reared a well-rounded, educated, upstanding citizen of the world, and he or she won't hate me.
And then I imagine the baby, still safe within the confines of my wife's belly, suddenly opening an alarmed eye as the thought enters his or her mind: "What if my dad just can't hack it?
Translation - Hindi जब मेरी पत्नी ने मुझे बताया कि वह गर्भवती है, तो मेरे पेट में वैसी ही हलचल होने लगी जैसी तेजी से नीचे आते झूले में बैठे होने पर होती है। मैं रोमांच से भर उठा था, जी हां, लेकिन अगले ही क्षण..... अरे बाप रे! पालन-पोषण की जिम्मेदारी, यह तो माता-पिता का काम है।
तो यहां मैं खड़ा हूं, बाहर निकली आंखों के साथ और पसीने से तर-बतर। बेढंगे तरीके से बनाए गए किसी कार्टून-चरित्र की भांति, और मेरे सिर के चारों ओर प्रश्न चिह्व हवा मैं तैरते हुए मुझे चिढ़ा रहे हैं। और, इन सबके बीच मैं खुद को तैयार कर रहा हूं कि अब अपनी बिल्ली के अलावा मुझे एक और प्राणी की पूर्ण समर्पित देखभाल करते हुए उसकी सारी जिम्मेदारियां उठानी होंगी। यह सुनिश्चित करना मेरी जिम्मेदारी होगी कि इस नन्हें इनसान की परिणति बड़े होकर एक पूरे शैतान के रूप में न हो। यदि यह बच्चा सामाजिक रूप से मंदबुद्धि निकलता है-- तो दोषी मैं। यदि यह मानचित्र पर लग्ज़मबर्ग को भी नहीं ढूंढ पाता, तो उसका दोष भी मेरे ही सर मढ़ा जाएगा कि मैंने उसे बेहतर शिक्षा उपलब्ध नहीं कराई। उसे उपचार की भी ज़रूरत होगी और कहने की आवश्यकता नहीं कि वह जिम्मेदारी भी मेरे ही सर होगी। यानी, खराब परिणामों की असंख्य संभावनाएं।
मैं आज भी उस दिन को नहीं भूला हूं, जब मेरे पिताजी ने मुझे बैठाकर बहुत ही अनाड़ी तरीके से यौन-शिक्षा के बारे में पढा़ने की कोशिश की थी; संभवतः वह हम दोनों के ही जीवन का सर्वाधिक यंत्रणाकारी और पशोपेश भरा आधा घंटा था। यह अत्याचार मैं किसी दूसरे इनसान पर नहीं कर सकता।
शायद मैं यहां अपनी सफलता को कुछ ज़्यादा ही आंक रहा हूं। लेकिन, मेरा मानना है कि मैं यह काम कर सकता हूं; मैं एक कामयाब पिता बनूंगा। मैं अपने बच्चे का पालन-पोषण इस प्रकार सुनिश्चित करूंगा कि वह बड़ा होकर समाज का एक बहु-प्रतिभाशाली, शिक्षित नागरिक बने और मुझ से कोई नफ़रत न करे।
और, फिर मैं बच्चे के बारे में कल्पना करने लगता हूं, जो अभी भी मां के गर्भ में सुरक्षित है। वह चौंक पड़ता है और आंखें खोलकर सोचने लगता है: "यदि मेरे पिता इस भगीरथ-प्रयत्न में सफल न हुए, तो क्या होगा?"
English to Hindi: ENTRY_488
Source text - English When she moved into his tiny house in Stroud, and took charge of his four small children, Mother was thirty and still quite handsome. She had not, I suppose, met anyone like him before. This rather priggish young man, with his devout gentility, his airs and manners, his music and ambitions, his charm, bright talk, and undeniable good looks, overwhelmed her as soon as she saw him. So she fell in love with him immediately, and remained in love for ever. And herself being comely, sensitive, and adoring, she attracted my father also. And so he married her. And so later he left her - with his children and some more of her own.
When he'd gone, she brought us to the village and waited. She waited for thirty years. I don't think she ever knew what had made him desert her, though the reasons seemed clear enough. She was too honest, too natural for this frightened man; too remote from his tidy laws. She was, after all, a country girl; disordered, hysterical, loving. She was muddled and mischievous as a chimney-jackdaw, she made her nest of rags and jewels, was happy in the sunlight, squawked loudly at danger, pried and was insatiably curious, forgot when to eat or ate all day, and sang when sunsets were red. She lived by the easy laws of the hedgerow, loved the world, and made no plans, had a quick holy eye for natural wonders and couldn't have kept a neat house for her life. What my father wished for was something quite different, something she could never give him - the protective order of an unimpeachable suburbia, which was what he got in the end.
The three or four years Mother spent with my father she fed on for the rest of her life. Her happiness at that time was something she guarded as though it must ensure his eventual return. She would talk about it almost in awe, not that it had ceased but that it had happened at all.
Translation - Hindi जिस समय माँ ने स्ट्राउड स्थित उसके छोटे से घर में कदम रखे और उसके चार छोटे-छोटे बच्चों की जिम्मेदारी संभाली, तब उनकी उम्र तीस वर्ष थी और वह अभी भी अत्यंत आकर्षक थीं। मेरा अनुमान है कि वह ऐसे व्यक्ति से पहले कभी नहीं मिली होंगी। कुछ दम्भी, इस युवा व्यक्ति की कट्टर कुलीनता, उच्चवर्गीय हाव-भाव, संगीत व महत्वाकाँक्षा, आकर्षण, होनहार बातचीत, और उसके दोष-रहित रूप-रंग से वह पहली ही नज़र में अभिभूत हो गईं। अतः उन्हें तुरंत ही इस व्यक्ति से प्रेम हो गया, जो उनके हृदय में हमेशा बना रहा। और, स्वयं भी चारु, कोमलहृदय और अत्यंत स्नेहशील होने के कारण उन्होंने मेरे पिता को भी आकर्षित कर लिया। और, इस तरह मेरे पिता ने उन से विवाह किया। और, इसी तरह पिताजी ने उन्हें बाद में छोड़ भी दिया - जब वे अपने बच्चों व माँ के कुछ और बच्चों को छोड़कर चले गए।
पिताजी के जाने के बाद, माँ हमें गाँव ले आईं और प्रतीक्षा करने लगीं। उन्होंने तीस वर्ष तक प्रतीक्षा की। मुझे नहीं लगता, माँ कभी समझ पाई होंगी कि पिता जी ने उन्हें क्यों छोड़ा था, यद्यपि कारण स्पष्ट जान पड़ते थे। उस डरे-सहमे व्यक्ति के विपरीत, वह एकदम निष्कपट और सहज प्रकृति की थीं; उसके बनावटी नियमों से कोसों दूर। आखिर वह एक देहाती लड़की थी; अव्यवस्थित, भावुक और स्नेही। वह तो अल्हड़ और नटखट थी, उस प्रजाति की चिड़िया की भांति, जो चिथड़ों और चमकीली वस्तुओं को इकट्ठा कर घोंसला बनाती है, धूप को देखकर प्रफुल्लित हो उठती है, खतरा भाँपने पर तीव्र चीत्कार करने लगती है, ताक-झाँक जिसके स्वभाव में है, कभी न शांत होने वाला कुतूहल लिए रहती है, कभी भोजन करना भूल जाए तो कभी पूरे दिन खाती रहे, और सूर्यास्त की लाली देखकर गाने लगे। वह सीधे व सरल नियमों में विश्वास रखती थीं और मानव मात्र से प्रेम करती थीं। योजनाएं बनाना उनके स्वभाव में न था, प्रकृति के चमत्कारों के प्रति वह पवित्र और तीक्ष्णदृष्टि रखती थीं और आजीवन साफ-सुथरा घर बनाए रखने के लिए वह नहीं बनी थीं। लेकिन, मेरे पिता की आकाँक्षाएं एकदम भिन्न थीं, ऐसी आकाँक्षाएं जिन्हें वह कभी पूरा नहीं कर सकती थीं - एक विश्वस्त उपनगरीय जीवन की एहतियाती व्यवस्था, और पिता जी को अंत में मिला भी वही।
पिताजी के साथ बिताए गए तीन या चार वर्षों की स्मृतियों के सहारे ही माँ ने शेष जीवन बिताया। उन दिनों की अपनी खुशहाली को माँ ऐसे सुरक्षित रखती थीं, मानो ऐसा करने से आखिरकार पिताजी अवश्य वापस आ जाते। वह उन दिनों के बारे में लगभग विस्मयपूर्वक बातें करतीं। विस्मय इसलिए नहीं कि वह सब समाप्त हो चुका था, बल्कि इसलिए, कि कभी ऐसा भी हुआ था।
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English to Hindi: ENTRY_3469
Source text - English All travel is now merely a means of moving a camera from place to place, all travellers are ruled by the all-powerful lens. Visitors old-fashioned enough to wish only to stand and look with their anachronistic eyes are shoved aside by the photographers, who take it for granted that while they do their ritual focusing, nothing else may move or cross their vision. Those peculiar souls without a camera must step aside for those more properly occupied, must wait while the rituals take place, and must bide their time while whole coaches stop and unleash upon the landscape the Instamatic God. And the populations of whole countries seeing themselves cannibalised, swallowed up, vacuumed into the black-ringed staring eye, wrench what they can from the cannibals. You want picture my house, my camel? You pay.
None of this would matter, perhaps, if anything worthwhile was being accomplished. If all the constant busyness and clicking produced, at its end, what had not existed before, images of beauty captured or truth told. But, sadly, this isn't so. The camera is simply graffiti made respectable.
The camera is the means by which we stamp ourselves on everything we see, under cover of recording the Wonders of the World already wonderfully
recorded by professionals and on sale at every corner bookshop and newsagent. But what use to show Aunt Maud, back home, postcards of the Tuscan landscape, since we are not in the picture to prove that we were there?
No stretch of rocks has verity unless I am within it. No monument exists
but for my wife, leaning against it. No temple is of interest without my face beside it, grinning. With my camera I appropriate everything beautiful, possess it, shrink it, domesticate it, and reproduce it on my blank sitting-room wall to prove to a selected audience of friends and family the one absolutely vital fact about these beauties: I saw them, I was there, I photographed them, and, ergo, they are.
from "Amateur Photography: the World as it isn't and our Fred" by Jill Tweedie in the Guardian
Translation - Hindi समस्त पर्यटन अब कैमरे को यहां वहां ले जाने का जरिया मात्र बन कर रह गया है, और सभी पर्यटक आज इस सर्वशक्तिमान लेन्स के गुलाम हैं। पुराने खयालातों के बेचारे पर्यटक, जो खड़े होकर अपनी आंखों से नज़ारा लेने की पुरानी तकनीक का ही सहारा लेते हैं, उन फोटोग्राफरों द्वारा एक तरफ धकिया दिए जाते हैं, जिनके दिमाग में यह बात घर कर चुकी है कि जब वे कैमरा फोकस करने के अनुष्ठान में लीन हों तो कुछ भी आगे नहीं आना चाहिए। बेचारे कैमराविहीन विचित्र प्राणियों के पास इसके सिवाय कोई चारा नहीं कि वे थोड़ा ढंग के काम में व्यस्त इन कैमरा वालों के लिए जगह छोड़ दें, इस अनुष्ठान के दौरान इंतजार करते रहें और मौका देखते रहें, जब तक कि पूरा का पूरा कोच खाली होकर भू-दृश्य को कैमरा देवता के आगोश में न ले ले। और, विभिन्न देशों की संपूर्ण जनसंख्या, इस काले छल्ले वाली घूरती आंख द्वारा स्वयं को ग्रसित होते, निगले जाते, निर्वात में खींच लिए जाते देखकर, जो भी बन पड़े फोटोग्राफी के भुक्कड़ों से छीनने की कोशिश करती है। तुम मेरे घर, मेरे ऊंट की तसवीरें उतारना चाहते हो? पैसे दो।
इनमें से किसी भी बात से शायद कोई फर्क नहीं पड़ता, यदि कुछ सार्थक हासिल किया जा रहा होता। यदि इस निरंतर व्यस्तता और कैमरों की क्लिक से अंततः कुछ ऐसा हासिल होता, जो पहले मौजूद नहीं था, चाहे वह कैद की गईं सौंदर्य की तसवीरें हों या बताया जाने वाला सच। लेकिन, अफसोस, ऐसा नहीं है। कैमरा, भित्ति-लेखन को नया चोला पहनाने के अलावा और कुछ नहीं।
कैमरा अब हर दिखाई देने वाली वस्तु पर खुद को छापने का साधन बन गया है, और वह भी विश्व के उन आश्चर्यों को रिकार्ड करने के नाम पर, जो पेशेवरों द्वारा पहले ही आश्चर्यजनक सुंदरता के साथ रिकार्ड किए जा चुके हैं और हर मोहल्ले में मौजूद बुक स्टोर पर और समाचार एजेन्टों द्वारा बेचे जा रहे हैं। लेकिन भई, टस्कन भू-दृश्यों को पोस्टकार्ड घर जाकर आन्ट मॉड को दिखाने का क्या फायदा, जब यह साबित करने के लिए चित्र में हम ही मौजूद न हों कि हम वहां गए भी थे?
चट्टानों के किसी भी फैलाव में तब तक सत्यता नहीं, जब तक मैं उसमें मौजूद न होऊं। किसी भी स्मारक का तब तक अस्तित्व नहीं, जब तक मेरी पत्नी उसके सहारे झुककर खड़ी न हो। कोई भी मन्दिर किस काम का, यदि मेरा थोबड़ा बगल में बत्तीसी दिखाए मौजूद न हो। अपने कैमरे की मदद से मैं हर सुंदर वस्तु को अपना बना लेता हूं, उस पर स्वामित्व जमा लेता हूं, उसे छोटा रूप दे देता हूं, उसे पालतू बना लेता हूं, और उसे फिर अपनी बैठक की खाली दीवार पर पुनः प्रकट कर देता हूं, अपने चुनिंदा मित्रों या पारिवारिक दर्शकों में इन सुंदर रचनाओं के बारे में एक अत्यंत महत्वपूर्ण तथ्य साबित करने के लिए किः मैं वहां मौजूद था, मैंने इनकी फोटोग्राफी की, और, इसीलिए तो ये हैं।
गाड्यन में जिम ट्वीडी द्वारा लिखे गए “अमेच्योर फोटोग्राफीः दि वर्ल्ड ऐज इट इज नॉट ऐन्ड अवर फ्रैड” से साभार।
English to Hindi: Emergency Room Procedure. Detailed field: Medical (general)
Source text - English What happens when you are admitted to the Emergency Room:
The nurse is the first operator that will evaluate the general condition of the patient. This is a professional, that based on his/her specific training, is able to evaluate the level of emergency of the situation. This evaluation is performed in the Triage Room, accessible only to the patients, unless there is a handicap, or in the case of a minor. The physician will determine if the presence of family members will aid diagnosis. The patient will be assigned a color code corresponding to the level of the emergency. In the meantime, family members are kindly required to wait in the waiting room, where they will receive all the necessary information and communications by the hospital personnel. This operative method facilitates diagnostic and care activities and increases the level of efficiency and effectiveness of the service offered.
THE COLOR CODES are a method to communicate the level of emergency of the situation, recognized by the hospital personnel within the national territory. It is an extremely important method to understand the level of risk to the life of the patient on which to base efforts and attention. Physicians and Nurses must resolv cases with the highest risk codes first, and then attend, giving the same level of care, to cases of lesser emergency.
Translation - Hindi जब आपको आपत्कालीन कक्ष में भर्ती कर लिया जाता है तो फिर क्या होता है:
नर्स पहला ऑपरेटर है जो रोगी की सामान्य दशा का मूल्यांकन करेगी या करेगा। यह एक पेशेवर व्यक्ति होता है, जो अपने विशेष प्रशिक्षण के आधार पर मूल्यांकन कर सकता है कि स्थिति किस स्तर तक आपातिक है। यह मूल्यांकन वर्गीकरण कक्ष (Triage Room½ में किया जाता है, जहां केवल रोगी ही जा सकते हैं, जब तक कि कोई विकलांगता न हो या रोगी अवयस्क न हो। डॉक्टर तय करेगा कि परिवार के सदस्यों की मौजूदगी से निदान में सहायता मिलेगी या नहीं। रोगी को एक रंग कोड या कलर कोड दिया जाएगा जो उसकी हालत के आपातिक स्तर के अनुसार होगा। इस बीच, पारिवारिक सदस्यों से अनुरोध किया जाता है कि वे कृपया प्रतीक्षा-कक्ष में इंतजार करें, जहां अस्पताल के कर्मचारी उन्हें सभी जरूरी जानकारियों और दूसरी बातों के बारे में अवगत कराते रहेंगे। इस प्रकार की परिचालन विधि से नैदानिक व देखभाल क्रियाकलापों में सुविधा रहती है और दी जाने वाली सेवाओं की दक्षता एवं उनके प्रभाव में वृद्धि होती है।
कलर कोड वह विधि है जिसका प्रयोग स्थिति के आपातिक स्तर को बताने के लिए किया जाता है और राष्ट्रीय अधिकार-क्षेत्र के भीतर अस्पताल कर्मचारी इन्हें पहचानते हैं। रोगी के जीवन को कितना खतरा है, यह जानने की दृष्टि से यह अत्यंत महत्वपूर्ण विधि है और इसी आधार पर रोगी की ओर प्रयास एवं ध्यान केंद्रित किए जाने होते हैं। डॉक्टरों और नर्सों को अनिवार्यत: उच्चतम खतरे के कोड वाले मामलों का निराकरण सबसे पहले करना चाहिए, और फिर उतनी ही अच्छी देखभाल के साथ अपेक्षाकृत कम आपातिक मामलों को लेना चाहिए
English to Hindi: Common and pandemic flu. Detailed field: Medical: Health Care
Source text - English Flu can be contagious for 24 to 48 hours before any symptoms arise and for five days after the onset of symptoms. This means that you could spread the virus without knowing you are infected. It’s important to get to know the facts about pandemic influenza and how to protect yourself and your family in an outbreak.
The symptoms are the same: fever, headache, aches and pains, tiredness, stuffy nose, sneezing, sore throat and cough. However, they can be much more severe with a pandemic flu and affect people who do not normally suffer as much from seasonal flu – such as younger, healthy adults.
Translation - Hindi फ्लू के कोई भी लक्षण उभरने के 24 से 48 घंटे पहले से लेकर, और, लक्षण उभरने के बाद पांच दिनों तक, यह रोग छूत से फैल सकता है। इसका अर्थ यह हुआ कि आप उस स्थिति में भी फ्लू के वायरस फैला सकते हैं, जब आपको यह मालूम ही न हो कि आप को संक्रमण हो चुका है। विश्वमारी इन्फ्लूएंजा या फ्लू के तथ्यों को जानना महत्त्वपूर्ण है और साथ ही यह जानना भी, कि इसके प्रकोप की दशा में अपना और अपने परिवार का बचाव कैसे करें।
इसके लक्षण वैसे ही होते हैं: बुखार आना, सिरदर्द, बदन दर्द और तकलीफ होना, थकान होना, नाक भरना, छींकें आना, गले में घाव होना तथा खांसी आना। लेकिन, विश्वमारी फ्लू में ये लक्षण कहीं प्रचण्ड हो सकते हैं और ऐसे लोगों को प्रभावित कर सकते हैं, जिन्हें सामान्यतः मौसमी फ्लू उतना नहीं होता - जैसे कि कम उम्र के स्वस्थ वयस्क।
English to Hindi: Patient Consent Form Detailed field: Medical: Pharmaceuticals
Source text - English INTRODUCTION
This is a clinical trial (a type of research study). Clinical Trials include only subjects who choose to participate in the trial. This document may contain words you do not understand. Please ask the study doctor to explain any words or information that you do not clearly understand. You may take home a copy of this consent form to think about or talk about with family or friends before making your decision. No promises can be made about the outcome of this study.
WHY IS THIS STUDY BEING DONE?
This is a research study and you have been asked to take part in this study because you have pancreatic cancer that cannot be removed with surgery. You also have not received any treatments for pancreatic cancer in the past. Most patients with your type and stage of cancer would usually get combination therapy with radiation therapy and chemotherapy.
Translation - Hindi परिचय
यह एक रोग-विषयक परीक्षण(एक प्रकार का अनुसंधान अध्ययन) है। रोग-विषयक परीक्षणों में केवल उन रोगियों को लिया जाता है, जो परीक्षण में भाग लेने का फैसला करते हैं। इस दस्तावेज़ में ऐसे शब्द हो सकते हैं, जो आपकी समझ में न आएं। कृपया जो भी शब्द या जानकारी आपको साफ-साफ समझ में न आएं, उन्हें समझाने के लिए अध्ययन-डॉक्टर से कहें। आप इस सहमति-फार्म की एक प्रति घर ले जा सकते हैं और अपना फैसला लेने से पहले, भाग लेने के बारे में सोच सकते हैं, या घर वालों से और दोस्तों से इस पर बात कर सकते हैं। इस अध्ययन का क्या नतीज़ा निकलेगा, उस बारे में अभी कोई वायदा नहीं किया जा सकता।
यह अध्ययन क्यों किया जा रहा है?
यह एक अनुसंधान अध्ययन है और आप से इस अध्ययन में भाग लेने के लिए इसलिए कहा जा रहा है कि आपको पैन्क्रीअस यानि, अग्न्याशय का कैंसर है, जिसे ऑपरेशन द्वारा नहीं हटाया जा सकता। इससे पहले आपने इस अग्नाशयी कैंसर का कोई इलाज़ नहीं लिया है। इस किस्म और अवस्था के कैंसर वाले अधिकांश रोगियों का इलाज़ आमतौर पर विकिरण चिकित्सा (रेडिएशन थेरेपी) और केमोथेरेपी (दवाओं और दूसरे रासायनिक पदार्थों द्वारा कैंसर का इलाज़) के मिले-जुले प्रयोग द्वारा किया जाता है।